"19 व्र्षीय अंकिता भंडारी की पिछले हफ्ते हत्या कर दी गई सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने अवैध वेश्यावृत्ति रैकेट में मोहरा बनने से इनकार कर दिया था और इस रैकेट को चलाने वालों को बेनकाब करने की धमकी दी थी। अंकिता वनांतरा रिसॉर्ट में receptionist की नौकरी करती थी. ये रिसोर्ट पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्या के बेटे पुलकित आर्य का था. इसी पुलकित आर्या ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर अंकिता को गंगा नदी में ढकेल कर उसकी हत्या कर दी. हत्या की वजह ये थी की अंकिता ने रिसोर्ट में आनेवाले स्पेशल गेस्ट्स के साथ शारीरिक संबंध बनाने से मना कर दिया था. जरा सोचिये, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की एक बच्ची, जिसने 19 साल की उम्र में परिवार की मदद करने के लिए, अपने और अपने परिवार के सपनों को पूरा करने के लिए नौकरी करने का फैसला किया, आखिरकार उसको इसकी कीमत अपने जान के साथ चुकानी पड़ी. इस घटना के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हैं. पिछले हफ्ते से अंकिता के लिए सोशल मीडिया पर न्याय की गुहार लगाई जा रही है, पौरी गढ़वाल में लोग सड़कों पर भी उतर रहे हैं, पुलिस थानों का घेराव भी किया गया. ऐसे में उत्तराखंड प्रशासन पर दबाव था की वो जल्द से जल्द इस मामले में कार्रवाई करें. और कार्रवाई हुई भी। शुक्रवार आधी रात, बुलडोज़र से पुलकित आर्या के रिसोर्ट का कुछ हिस्सा ढहा दिया गया. हालांकि अंकिता का शव पुलिस ने शनिवार सुबह बरामद किया. जैसे ही बुलडोजर ने अपना काम किया, प्रशासन ने अपनी पीठ थपथपाई. प्रशासन द्वारा जल्दबाजी में की गई कार्रवाई को लेकर अब ये सवाल उठ रहे हैं की क्या बुलडोज़र इस रिसोर्ट पर इस्सलिये चलाया गया ताकि इस मामले से जुड़े सबूत मिटाये जा सके? सवाल ये भी हैं कि बुलडोजर कार्रवाई ने कथित तौर पर उस कमरे को ही तबाह कर/ढहा दिया जहां अंकिता को आखिरी बार देखा गया था, जिस कमरे में अंकिता हत्याकांड के बारे में महत्वपूर्ण सुराग हो सकते थे? यह कहानी उन सभी के लिये सबक की तरह हैं , जो तत्काल न्याय यानी की इंस्टेंट जस्टिस की जय-जयकार करते हैं। कई बार इंस्टेंट जस्टिस वास्तव में न्याय के करीब भी नहीं होता। आज इस वीडियो के माध्यम से हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे. Arti Ghargi explains.
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