"कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा कि मामले में समाधान की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 50 हजार लोगों को रातों रात बेघर नहीं किया जा सकता. रेलवे को विकास के साथ साथ इन लोगों के पुनर्वास और अधिकारों के लिए योजना तैयार की जानी चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा, सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि जहां लोगों ने 1947 के बाद नीलामी में जमीन खरीदी है, वहां आप उस परिदृश्य से कैसे निपटेंगे. उन्होंने कहा कि आप निश्चित रूप से लाइन का विस्तार कर सकते हैं. लेकिन वहां जो लोग 40, 50 और 60 सालों से रह रहे हैं, उनके लिए पहले पुनर्वास योजना लानी चाहिए. - जस्टिस कौल ने कहा कि यह एक मूलभूत मानवीय मुद्दा है. आपका विचार भूमि पर विकास करना है. किसी को निष्पक्ष रूप से इसमें शामिल होना होगा और प्रक्रिया को छोटा करना होगा. कुछ पुनर्वास के हकदार हो सकते हैं. कुछ नहीं हो सकते हैं. इन सबकी जांच करने की जरूरत है. साथ ही आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आगे कोई अतिक्रमण या आगे का निर्माण न हो.
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