‘कांग्रेस ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन’ और ‘पिंजरे का तोता’ से लेकर भाजपा के ‘जमाई’ तक, जिसमें सीबीआई के अलावा आयकर और प्रवर्तन निदेशालय भी शामिल है –देश की प्रमुख जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दलों के इशारे पर काम करने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले 18 सालों के दौरान कांग्रेस और भाजपा की सरकार में करीब 200 नेताओं के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया, गिरफ्तारियां की, छापेमारी या फिर पूछताछ की। इनमें से 80 फीसदी नेता विपक्ष के रहे हैं। साल 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद ऐसे मामलों की संख्या और भी बढ़ी है।
Learn more about your ad choices. Visit megaphone.fm/adchoices)