राजनीतिक दलों की पहचान उनकी विचारधारा, उनके वादों और उनके नेताओं से होती है. क्या होगा तब, जब एक अलग ही विचारधारा की पार्टी चुनाव जीतने के लिए अपने प्रतिद्वंदी पार्टी की तर्ज पर चुनावी वादें करने लगे? क्या लोग उसे वोट देंगे? इस विडियो में हम इसी सवाल का जवाब तलाशेंगे और साथ ही तेलंगाना प्रमुख के उस वादे को भी जानेंगे जिसपर कई सवाल उठ रहे हैं, साथ ही इस वादे को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि क्या वाकई कांग्रेस पार्टी तेलंगाना में गंभीरता से चुनाव लड़ना चाहती है? विडियो में आगे बढ़ें उससे पहले आपसे अपील है कि आप इस विडियो को लाइक करें और इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ साझा करें.
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